पुस्तक समीक्षा: UPSC Wala Love: Collector Sahiba (कलेक्टर सहिबा) प्रेम और संघर्ष की कहानी
लेखक: कैलाश मांजू बिश्नोई
प्रकाशन: कर्मशिला
पृष्ठ संख्या: 240
मूल विषय: प्रेम, कैरियर और यूपीएससी की तैयारी
गत दिनों सोशल मीडिया पर कैलाश मांजू विश्नोई कृत उपन्यास "कलेक्टर साहिबा" के प्रकाशन संबंधी विभिन्न पोस्ट देखने को मिली।
हिंदी साहित्य से लगाव मेरा बचपन से रहा है, इसीलिए मैंने भी इस उपन्यास को पढ़ने का मानस बनाया।
इस उपन्यास को पढ़ने के मानस के पीछे दो कारण रहे हैं, एक , हिंदी साहित्य में रुचि होना, दूसरा , मेरा स्वयं का प्रशासनिक सेवा में कार्यरत होने के कारण उपन्यास के शीर्षक से यह जिज्ञासा उत्पन्न हुई कि उपन्यास की विषय वस्तु के संबंध में अध्ययन किया जाए ।
सोशल मीडिया पोस्ट के द्वारा ही अमेज़न से उपन्यास ऑर्डर किया गया, आज दोपहर को जोधपुर में डिलीवरी बॉय द्वारा पार्सल का बताया गया, जिस पर मेरे अंदाज अनुसार ही पार्सल में मुझे " कलेक्टर साहिबा " उपन्यास प्राप्त हुआ।
उपन्यास के कवर पेज से मैं पहले पूरी तरह परिचित था, इसीलिए ज्यादा समय नहीं लगाते हुए पढ़ना शुरू किया।
यह संयोग ही था कि मुझे इस दौरान चिकन पॉक्स ने भी अपना परिचय दे रखा था, इसीलिए घर पर आराम कर रहा था तथा सोच रहा था कि वक्त आसानी से गुजर जाए और शारीरिक दर्द कम महसूस हो।
फ्रांसिस बेकन के अनुसार पुस्तकें समय व्यतीत करने का सबसे अच्छा माध्यम है और मनुष्य की सर्वोत्तम सहयोगी होती है, इसीलिए मैंने अपना समय व्यतीत करने के लिए पुस्तक "कलेक्टर साहिबा" उपन्यास के पृष्ठ पलटने शुरू किए, लेखक ने उपन्यास को कुल 19 भागो में विभक्त किया है और अलग-अलग परस्पर संबंधित श्रंखलाबद्ध घटनाओं का चित्रण किया गया है।
उपन्यास में गिरीश तथा एंजेल के प्यार के विभिन्न सोपानो के चित्रण के साथ- साथ किसी प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी करने वाले आशार्थी के लिए भी कई प्रेरणादायक और अनुकरणीय उद्धरणों का समावेश किया गया है।
कहीं कहीं पर यूपीएससी तैयारी के लिए आवश्यक मार्गदर्शक सिद्धांतों को भी बखूबी उकेरा गया है, जो एस्पिरेंट्स के लिए बहुत लाभदायक सिद्ध होंगे।
उपन्यास को पढ़ते समय पाठक को इसमें अगला भाग/अंश पढ़ने की जिज्ञासा उत्पन्न होती है, लेखक की पाठकों को बांधने की यह कला वाकई प्रशंसनीय है।
इस उपन्यास में लेखक द्वारा आम विद्यार्थी के जीवन में होने वाले विभिन्न घटनाओं के अनुभव का बहुत ही सरलता के साथ चित्रण किया गया है, जिससे पाठक को कभी-कभी यह एहसास भी होने लगता है कि कहीं यह उनकी कहानी तो नहीं है।
कमोबेश हर विद्यार्थी के प्रतियोगिता युग के दौरान इस तरह की कहानी रहती हैं, जिसमें मित्र समूह, होटल/ ढाबा पर होने वाली सामूहिक चर्चा,एक दूसरे पर मजाकिया तंज आदि शामिल है, इसीलिए यह उपन्यास उस पाठक को ज्यादा रुचिकर महसूस होगा,जो किसी भी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी हेतु अपने घर से दूर किसी छोटे से कमरे में बेतरतीब पड़े रसोई के सामान और बिस्तरों के बीच में छह वर्गफीट की वह जगह, जहां बैठकर वह अपने जीवन और कमरे की अव्यवस्था के बीच सफलता पाने के लिए संघर्ष करता है।
अतिरिक्त जानकारी:
- यह पुस्तक 2023 में प्रकाशित हुई थी।
- यह पुस्तक हिंदी भाषा के साथ अन्य भाषाओं में उपलब्ध है।
- इस पुस्तक का मूल्य ₹199 है।
- आप इस पुस्तक को ऑनलाइन खरीद सकते हैं: UPSC Wala Love: Collector Sahiba (कलेक्टर सहिबा)
- ऑफलाइन स्टोर्स पर भी यह पुस्तक उपलब्ध है।
मुझे उम्मीद है कि यह समीक्षा आपके लिए उपयोगी होगी।
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