मंडी शुल्क घटाने की मांग को लेकर हड़ताल अनाज मंडी में जिंसों की बोली नहीं लगी, किसानों की मुश्किलें बढ़ीं
बीकानेर
राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ के आह्वान पर जारी चार दिवसीय हड़ताल के दूसरे दिन सोमवार को व्यापारियों ने जिला प्रशासन को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। प्रदेश दाल मिल महासंघ समिति, बीकानेर दाल मिल्स एसोसिएशन एवं श्रीबीकानेर अनाज कमेटी के पदाधिकारियों ने अतिरिक्त जिला कलेक्टर प्रशासन रामावतार कुमावत और मंडी सचिव को अपनी प्रमुख मांगों को लेकर ज्ञापन दिया।
ज्ञापन में सरकार से मंडी शुल्क की दरें घटाने, कृषक कल्याण शुल्क समाप्त करने और गोदामों का मालिकाना हक दिलाने की मांग की गई। व्यापारियों ने बताया कि कोरोना काल में लगाया गया कृषक कल्याण शुल्क अब समाप्त किया जाए और आम जनता पर दाल-रोटी की बढ़ती कीमतों का बोझ कम करने के लिए दलहन एवं गेहूं पर मंडी शुल्क 1.60% से घटाकर 0.50% किया जाए। इसके अलावा, दूसरे राज्यों से कृषि उपज लाने पर अतिरिक्त मंडी शुल्क समाप्त करने की मांग भी रखी गई। व्यापारियों का कहना है कि राजस्थान के कृषि आधारित उद्योग पड़ोसी राज्यों की तुलना में प्रतिस्पर्धा में पिछड़ रहे हैं, जिससे कारोबार पर नकारात्मक असर पड़ रहा है। वहीं अनाज मंडी में जिंसों की बोली नहीं लगने से किसानों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
व्यापारियों ने दी अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी
प्रदेश दाल मिल महासंघ समिति राजस्थान के महासचिव और बीकानेर दाल मिल्स एसोसिएशन एवं श्री बीकानेर अनाज कमेटी के अध्यक्ष जयकिशन अग्रवाल तथा बीकानेर वूल एवं अनाज ट्रेडर्स संस्था के अध्यक्ष रामदयाल सारण ने बताया कि यदि सरकार उनकी मांगों पर विचार नहीं करती है, तो अनिश्चितकालीन हड़ताल और टैक्स बहिष्कार जैसे कड़े फैसले लिए जा सकते हैं। बता दें व्यापारियों की इस हड़ताल को विभिन्न संगठनों का समर्थन मिल रहा है। इस अवसर पर बीकानेर जिला उद्योग संघ के अध्यक्ष द्वारकाप्रसाद पचीसिया, अशोक गहलोत, राजकुमार पचीसिया, अशोक वासवानी, जय दयाल डूडी, बृजमोहन अग्रवाल, परवेश गोयल, रामचंद्र भाटी, सुनील गहलोत, शिवशंकर प्रजापत, मनोहरलाल प्रधानजी, दिनेश जैन, भागीरथ ओझा, निकुंज लोहिया, कुलदीप बोथरा आदि व्यापारी नेता मौजूद रहे।
जयपुर में अहम बैठक आज
राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ की 25 फरवरी को जयपुर में महत्वपूर्ण बैठक आयोजित होगी, जिसमें प्रदेश की सभी 247 अनाज मंडियों के प्रतिनिधि शामिल होंगे। इस बैठक के बाद आंदोलन की आगे की रणनीति तय की जाएगी और यदि सरकार से समाधान नहीं मिलता है, तो टैक्स जमा करने का बहिष्कार और अनिश्चितकालीन हड़ताल जैसे कठोर निर्णय लिए जा सकते हैं।
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