पद्मश्री पुरस्कार: जाने वर्ष 2020-21 में पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित होने वाले राजस्थानियों के बारे

 पद्मश्री पुरस्कार: जाने वर्ष 2020-21 में पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित होने वाले राजस्थानियों के बारे में

नमस्कार साथियों! कैसे हो आप सभी, आशा करता हूं सभी सकुशल होंगे। Emitra Help Blog के इस नवीनतम ब्लॉग पोस्ट में हम बात करेंगे भारत के चौथे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्मश्री से सम्मानित होने वाले कुछ विरले लोगों के बारे में जिन्होंने अपने कार्य से समाज, क्षेत्र और देश का गौरव बढ़ाया है। आपसे निवेदन है गौरवशाली व्यक्तित्वों की इस रोचक पोस्ट को पूरा पढ़ें व अपने चिरपरिचितों के साथ अवश्य साझा करें।

पद्मश्री पुरस्कार: जाने वर्ष 2020-21 में पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित होने वाले राजस्थानियों के बारे में


8 नवंबर 2021 को भारत के राष्ट्रपति महामहिम रामनाथ कोविंद द्वारा वर्ष 2020 व 2021 के लिए विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य करने वाले महान व्यक्तियों को देश का चौथा सबसे बड़ा नागरिक सम्मान पद्मश्री अवार्ड देकर सम्मानित किया। गत वर्ष वैश्विक महामारी कोरोना के चलते पुरस्कारों का वितरण नहीं किया गया था। इसलिए सोमवार को 2020 व 2021 के लिए नामित व्यक्तियों को महामहिम राष्ट्रपति द्वारा अवार्ड देकर सम्मानित किया गया। सम्मानित होने वाले व्यक्तियों ने विभिन्न क्षेत्र में अपने कार्य से देश का गौरव बढ़ाया है। राजस्थान राज्य से सामाजिक कार्य, कला संस्कृति व विभिन्न श्रेणियों में 8 व्यक्तियों को राष्ट्रपति महामहिम रामनाथ कोविंद द्वारा पदम श्री से सम्मानित किया गया। वर्ष 2020 में राजस्थान से पद्मश्री अवार्ड के लिए स्वच्छ भारत मिशन में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए अलवर निवासी उषा देवी, गोभक्त व भजन गायक रमजान खान उर्फ मुन्ना मास्टर (Munna Master), वन संरक्षण व संवर्धन के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले नागौर के हिम्मतराम भांभू (Himmat Ram Bhambhu), वृक्षारोपण के लिए सीकर जिले के दातारामगढ़ के रहने वाले के सुंडाराम वर्मा (Sundaram Verma) और पारंपरिक व राजस्थानी फोल्क संगीत को देश और दुनिया में पहचान दिलाने वाले जैसलमेर रहवासी उस्ताद अनवर खां मांगणियार को राष्ट्रपति महोदय द्वारा पद्मश्री से सम्मानित किया गया जबकि वर्ष 2021 के लिए तीन व्यक्तियों को व्यक्तियों को पदम श्री से सम्मानित किया गया जिनमें पाली निवासी साहित्य संवर्धक व शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले अर्जुनसिंह शेखावत, राजस्थानी लोक कलाकार लाखा खान (जोधपुर), उदयपुर के पिपलांत्री गांव के पूर्व सरपंच सुविख्यात पर्यावरणविद पर्यावरण संरक्षक श्याम सुंदर पालीवाल सम्मिलित है। आइए हम इन विभूषित व्यक्तियों के व्यक्तित्व व कृतित्व के बारे में जाने।

वर्ष 2020 के लिए पदम श्री पुरस्कार से सम्मानित होने वाले राजस्थानी


पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित श्रीमती ऊषा देवी (PadmaShri awardi Smt. Usha Devi)

अलवर की रहने वाली उषा देवी ने बाल्यकाल से ही मेला डालने का कार्य करना शुरु किया। दशकों तक मेला डालने का कार्य करने वाली उषा देवी को सुलभ इंटरनेशनल का अध्यक्ष बनाया गया उन्हें दशकों तक स्वच्छता के लिए कार्य करने के लिए भारत स्वच्छता मिशन के तहत सम्मानित किया गया। पर्यावरण स्वच्छता के लिए अपने कार्यों के लिए वर्ष 2020 पद्मश्री पुरस्कार के लिए नामित हुई व अब सम्मानित होने का सौभाग्य मिला।


पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित भजन गायक व गौ भक्त मुन्ना मास्टर उर्फ रमजान खान  (Munna Master)

मुन्ना मास्टर उर्फ रमजान खान जयपुर जिले के बगरु के रहने वाले हैं। वो जानेमाने भजन गायक है। अपनी गौ भक्ति  के लिए विख्यात हुए। इनके पुत्र  फिरोज खान बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय में सहायक आचार्य पद पर नियुक्त होने पर काफी चर्चित हुए। अपनी उत्कृष्ट गोसेवा गया संगीत सेवा के लिए मुन्ना मास्टर वर्ष 2020 में पदम श्री पुरस्कार के लिए नामित हुए वह अब राष्ट्रपति द्वारा इस पुरस्कार से सम्मानित हुए।


पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित पर्यावरणविद हिम्मतराम भांभू (Himmat Ram Bhambhu)

नागौर जिले के रहने वाले किसान हिम्मतराम भांभू अपने पर्यावरण के क्षेत्र में किए गए उत्कृष्ट कार्यो के लिए जाने जाते हैं। प्रकृति संरक्षण व संवर्धन इन्होंने अपने जीवन का उद्देश्य मानकर निस्वार्थ भाव से प्रकृति की सेवा की है। वो राजस्थान के महान संत गुरु जांभोजी को अपना पर्यावरणीय गुरु मानते हैं और उनके नियमों के सच्चे अनुपालक है। रेगिस्तान की इस निर्झर धरती पर उन्होंने लाखों वृक्ष लगाई है व वर्तमान में भी इस कार्य के प्रति निष्ठा भाव से लगे हुए हैं। हिम्मतराम भांभू को दशकों तलक पर्यावरण संवर्धन करने के लिए वर्ष 2020 में पद्मश्री पुरस्कार के लिए नामित किया हुआ अब अवार्ड देकर सम्मानित किया गया।


पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित वृक्षों वाले बाबा सुंडाराम वर्मा (Sundaram Verma)

सीकर जिले के दातारामगढ़ तहसील के निवासी सुंडा राम वर्मा ने वृक्ष लगाने की अपनी अलग है श्रेष्ठ पद्धति विकसित की जिसके लिए  वो देश भर में अच्छे खासे चर्चा में रहे। सुंडा राम वर्मा ने देश को 1 लीटर पानी में पौधा विकसित करने की तकनीकी प्रदान की और यह खासकर सूखा क्षेत्र मरुस्थल में कारगर सिद्ध हुई। पानी बचाने की इस पद्धति के साथ उन्होंने 50,000 से अधिक पौधे लगाकर जल सरंक्षण, पर्यावरण संरक्षण व संवर्धन के क्षेत्र में महती भूमिका निभाई। जिसके लिए उन्हें वर्ष 2020 में पदम श्री अवार्ड के लिए नामित किया गया व अब पुरस्कार से सम्मानित किया गया।


पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित उस्ताद अनवर खां मांगणियार

राजस्थानी लोक संगीत के संरक्षण व संवर्धन में अपनी महती भूमिका निभाने वाले जैसलमेर जिले के मांगणियार जाति के उस्ताद अनवर खान को हाल ही में वर्ष 2020 के लिए पद्मश्री पुरस्कार से भारत के महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा सम्मानित किया गया।
जैसलमेर के गांव देहात बहिया के रहने वाले अनवर खान ने थार की संगीत संस्कृति को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति दिलाई। इतना ही नहीं मिले विलुप्ति के कगार पर पहुंची राजस्थानी लोकगीत गायन शैली को जिंदा रखने में भी उस्ताद अनवर का अनवरत प्रयासरत है। इनके इस उत्कृष्ट प्रयास के लिए उन्हें असंख्य पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है व अब पदम श्री से सम्मानित होकर राज्य का गौरव बढ़ाया है।

वर्ष 2021 के लिए पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित होने वाले राजस्थानी

वर्ष 2021 के लिए राजस्थान से तीन व्यक्ति पदम श्री पुरस्कार से सम्मानित हुए हैं। तीनों ही अपने-अपने कार्य क्षेत्र में जमीनी स्तर पर उल्लेखनीय कार्य करने वाले हैं।


पद्मश्री पुरस्कार 2021 से सम्मानित श्याम सुंदर पालीवाल

श्याम सुंदर पालीवाल का नाम तो आपने सुना ही होगा। अगर नहीं भी सुना है तो हम आपको इनके व्यक्तित्व व्यक्तित्व से परिचित करवा देते हैं। श्याम सुंदर पालीवाल मूलतः राजसमंद जिले के पिपलांत्री गांव के रहने वाले हैं। इन्होंने पिपलांत्री गांव में सरपंच पद पर रहते हुए बेटी बचाओ व पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किए। गोकि पालीवाल राज्य के ऐसे पहली सरपंच है जिन्होंने नवाचार को अपनाते हुए अपने पंचायत में जल ग्रहण व पर्यावरण संरक्षण के लिए अनेक परियोजनाएं कार्य किए हैं। इनके द्वारा शुरू की गई पहल प्रत्येक घर में बेटी के जन्म पर 111 पौधारोपण अपने आपमें अद्वितीय है। इनके गांव को देखने के लिए देश विदेशों से पर्यटक आते हैं। इनके कार्यों की सराहना कौन बनेगा करोड़पति कार्यक्रम में सदी के महानतम अभिनेता अमिताभ बच्चन द्वारा भी की गई। इन्हें बेटी बचाओ व पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में किए गए उत्कृष्ट कार्य के लिए वर्ष 2021 के लिए पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया


पद्मश्री पुरस्कार 2021 से सम्मानित अर्जुनसिंह शेखावत

कहते हैं शिक्षक का देश के समर्थन में विकास में महती भूमिका निभाते हैं। शिक्षक ही है जो अपने शिक्षण कार्य के साथ-साथ साहित्यिक विमर्श के द्वारा सकारात्मक समाज निर्माण में महती भूमिका निभाते हैं। ऐसे राजस्थान के ऐसे ही एक शिक्षक को वर्ष 2021 के लिए पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। जिनका नाम अर्जुन सिंह शेखावत है और वो पाली जिले के रहने वाले हैं। एक शिक्षक के रूप में अपने कैरियर पर की शुरुआत करने वाले अर्जुन सिंह शेखावत ने वैतनिक के सेवा के साथ-साथ साहित्य सेवा में भी ख्याति पाई। राजस्थानी भाषा और संस्कृति व आदिवासी जीवन पर लिखे उनके साहित्य के लिए उन्हें पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया। श्री शेखावत अबतक 22 पुस्तकें लिख चुके हैं और अनेक पुस्तकों का अनुवाद व संपादन कर चुके हैं।


पद्मश्री पुरस्कार 2021 से सम्मानित सिंधी सारंगी वादक लाखा खान
राजस्थानी लोकसंगीत के सरंक्षण में अगर किसी का अथाह योगदान है तो वो है पीढ़ी दर पीढ़ी गाकर या बजाकर जीवन यापन करने वाले लोग, जिन्होंने अपनी जीवनवृत्ति से लोक संगीत को जोड़कर एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक पहुंचाने के साथ-साथ उसमें जीवंतता बनाए रखी। जोधपुर जिले के फलोदी तहसील के राणेरी गांव के रहने वाले लाखा खान इन्हीं में से एक है। लाखा खान ने अपने पुश्तैनी पेशा सारंगी वादन छोड़ने की बजाय उसे बुलंदियों पर पहुंचाने का कार्य किया है। लोक संगीत के सुरीली आवाज के साथ सिंधी सारंगी कि सतरंगी धुन से सुनने वाले के कानों में मिठास घोलने में लाखा कान को महारत हासिल है। इन्होंने अपनी इस कला के जरिए देश व विदेशों में ख्याति प्राप्त की। इनके लोक संगीत के सरंक्षण में दिए गए योगदान के लिए वर्ष 2021 में पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

साथियों इस से ब्लॉक पोस्ट में हमने राजस्थान से वर्ष 2020 व 21 में पदम श्री पुरस्कार से सम्मानित होने वाले व्यक्तियों के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर विस्तृत रूप से जानकारी साझा की है आशा है यह जानकारी आपके लिए रुचिकर सिद्ध होगी। आप इसे अपने उन दोस्तों के साथ अवश्य शेयर करें जो किसी ने किसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में लगे हुए हैं या साहित्य प्रेमी हैं।
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