स्कूल इंटर्नशिप रिपोर्ट इन हिंदी PDF: इन्टर्नशिप कार्यक्रम के दौरान विद्यालय के छात्रों के साथ प्राप्त अनुभव
अक्सर बीएड के छात्रों को इंटर्नशिप डायरी बनने में दिक्कत आती है। बी. एड. प्रशिक्षु अध्यापकों को इस समस्या से निजात दिलवाने के लिए हमने एक बेहतरीन बीएड इंटर्नशिप प्रोजेक्ट फाइल नमूना (B.Ed internship project file sample) तैयार की है। जिसमें बीएड इंटर्नशिप प्रोजेक्ट फाइल के सभी 10 खंडों को सम्मिलित किया गया है जो बीएड प्रशिक्षु को अध्यापकों को अपने इंटर्नशिप प्रोजेक्ट फाइल बनाने में सहायक सिद्ध होगी। बीएड इंटर्नशिप फाइल नमूना PDF को डाउनलोड करने के लिए निम्नलिखित लिंक पर क्लिक करें।
इन्टर्नशिप कार्यक्रम के दौरान विद्यालय के छात्रों के साथ प्राप्त अनुभव (शैक्षणिक एवं सह शैक्षणिक गतिविधियों से सम्बन्धित अनुभवों का ही विवरण देवे)
राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, - - - - - में मैंने इन्टनीशिप कार्यक्रम के दौरान छात्रों के साथ विभिन्न अनुभव प्राप्त किए जिसमें से कुछ निम्नोकित हैं:
✓ विद्यालय के प्रथम दिल शाला प्रधान से समय सारणी प्राप्त हुई। जिसमें 6, 7, 8, 9, 10 हमें दी गई। प्रथम दिन सभी छात्र नई अध्यापिका के रूप में देखकर काफी उत्साहित नजर आए। मैंने सभी का नाम पूछा और अपने बारे में बतया। छात्र-छात्राओं को नवाचार के माध्यम से सीखने में प्रोत्साहन मिलता है। अध्यापन के दौरान एक दिन कक्षा 7 में हिन्दी विषय पढ़ाते समय बच्चे व्यवस्थित व रुचिपूर्ण भागीदारी नहीं निभा रहे थे मुझे इसका भान होने पर मैंने इस समस्या का निदान पाने के लिए सह-अध्यापक से चर्चा की और इस मत पर सहमत हुए भी हिन्दी लेखन कौशल को बढ़ाने के लिए शब्दकोष में वृद्धि करवानी होगी। इसलिए सह-अध्याक के साथ मिलकर प्रतियोगिताओं का आयोजन करवाया। जो नियमित हिन्दी कालांश में करवाते । इस प्रतियोगिता में दो गुट बनाए । इनमें कक्षा के सभी बच्चे शामिल थे। उसके बाद मेरा आत्मविश्वास बढ़ने लगा। इस तरह समूह चर्चा द्वारा छात्रों की रूचि हिन्दी विषय में बढ़ी छात्र-छात्राओं के सक्रिय भागीदारी से सभी में चिन्तन शक्ति में विकास हुआ और उनके शब्द भण्डार में वृद्धि हुई। जब-जब अलग शब्द प्राप्त हुए तो उन शब्दों को शामपट पर लिखने का अवसर दिया गया, जिसमें सभी विद्यार्थियों ने भागीदारी की। इससे उनके लेखन कौशल का परिमार्जन हुआ।
इस प्रकार मैंने सह-अध्यापक की भागीदारी से हिन्दी विषय को रुचिपूर्ण तरीके से प्रस्तुत किया।
✓ शिक्षण के साथ-साथ मैंने विद्यालय की सह-शैक्षणिक गतिविधियों में भी भागीदारी निभाई। विद्यालय में हर माह की अन्तिम दिवस अंत्याक्षरी का आयोजन किया जाता है। जिसमे सामान्य ज्ञान विषय पर दो समुह चर्चा करते है। अंत्याक्षरी आयोजन के दौरान मैने पाया कि कुछ बच्चे दूसरे समुह द्वारा रोके गए शब्द से वाक्य दूसरे साथी को तो बता रहे लेकिन स्वयं प्रस्तुतीकरण से संकोच कर रहे है। इस विषय पर मैंने सह-अध्यापक से चर्चा करते हुए सुझाव दिया कि हमें ऐसे विद्यार्थियों को उचित अवसर प्रदान करने चाहिए जो संकोची प्रवृति में है।
इस सुझाव को मानते हुए साथी अध्यापक ने भी संकोची विद्यार्थियों को उचित समय देने की बात कही। फिर हमने एक समुह द्वारा रोके वाक्य को ऐसे संकोची विद्यार्थियों से प्रस्तुत करने कहा। शुरू-शुरू में कक्षा के ऐसे संकोची विद्यार्थी हड़बड़ाहट बोलने में सहज महसूस नहीं कर रहे हैं। निरंतर अवसर देने से समय के साथ वो आत्मविश्वास में भर गए और हर कड़ी पर प्रत्युत्तर देने लगे। इस प्रकार छात्रों के हावभाव एवं आत्मविश्वास में वृद्धि हुई। और उनकी प्रस्तुतीकरण समस्या हल हुई।
इस प्रकार मैंने सह-अध्यापक की भागीदारी से छात्रों में सामाजिक पर्यावरणीय वातारण प्रस्तुत कर उनमें विषय के प्रति रूचि वा संकोच के भाव से मुक्ति दिलाई।
मैं कह सकती हूं यह बी.एड संबंधित शिक्षण प्रशिक्षण का अनुभव मेरी बी.एड की तरफ पहली सीढ़ी और सफल अध्यापिका बनने में सहायता प्रदान करेगा।
इस प्रकार इस ब्लॉग पोस्ट में हमने जाना कि अपनी इंटर्नशिप डायरी में "इन्टर्नशिप कार्यक्रम के दौरान विद्यालय के छात्रों के साथ प्राप्त अनुभव (शैक्षणिक एवं सह शैक्षणिक गतिविधियों से सम्बन्धित अनुभवों का ही विवरण विषय को किस प्रकार तैयार करें। आशा है यह जानकारी आपके लिए उपयोगी और रूचिकर सिद्ध होगी। आप इस जानकारी को अपने अन्य बीएड प्रशिक्षु अध्यापक के साथ शेयर कर उनकी इंटर्नशिप डायरी बनाने में मदद कर सकते हैं। विद्यालय स्टॉफ एवं कार्यक्रम के दौरान प्राप्त अनुभवों का विवरण विषय विषय पर अधिक जानकारी के लिए, अपने सुझाव या शिकायत हमें टिप्पणी बॉक्स में टिप्पणी के माध्यम से अवश्य लिखें।
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